बलरामपुर सोहेलवा जंगल के बरहवा रेंज के धर्मपुर गांव में सोमवार शाम तीन बजे के करीब बकरी चराने गए 11

बलरामपुर सोहेलवा जंगल के बरहवा रेंज के धर्मपुर गांव में सोमवार शाम तीन बजे के करीब बकरी चराने गए 11

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बलरामपुर सोहेलवा जंगल के बरहवा रेंज के धर्मपुर गांव में सोमवार शाम तीन बजे के करीब बकरी चराने गए 11 वर्षीय बच्चे को तेंदुए ने अपना निवाना बना लिया। एक घंटे बाद बच्चे का क्षत विक्षत शव ककरहवा पहाड़ी नाले के पास पड़ा मिला।

इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। यह वह गांव है जहां से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित बेलवा गांव में तेंदुए ने गत 16 नवंबर को एक सात वर्षीय बच्चे को अपना निवाला बनाया था। लगातार तेंदुए के हमले की छठी घटना है, जिसमें मासूमों की जान गई है। घटना के तीन घंटे बाद तक गांव में वन विभाग की टीम नहीं पहुंची थी। हर्रैया थाने की पुलिस गांव में पहुंचकर स्थिति को संभाल रही थी।

सोहेलवा जंगल के बरहवा रेंज से सटा हुआ धर्मपुर गांव है। धर्मपुर गांव निवासी मोहम्मद शफीक का पुत्र समीर 11वर्षीय अपने दोस्तों के साथ जंगल में बकरी चराने गया था। इस दौरान वह लगे बेर को तोड़ने के लिए झाड़ियों की ओर चला गया। यहीं पर तेंदुआ घात लगाए बैठा था। तेंदुए ने समीर पर झपट्टा मारकर उसे जंगल की ओर खींच ले गया। यह घटना देखकर समीर के साथ बकरी चरा रहे अन्य बच्चे भागकर गांव आए और उन्होंने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी।

ग्रामीण लाठी, डंडे, भाला आदि से लैस होकर तेंदुए को खोजने के लिए निकले। एक घंटे बाद करीब चार बजे समीर का शव ककरहवा पहाड़ी नाले के पास पड़ा मिला। समीर का शव देखकर उसके परिवार में कोहराम मच गया।

आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। घटना की सूचना पाकर थाना हर्रैया के एसएचओ गोविंद कुमार पुलिस बल के साथ गांव में पहुंच गए। उन्होंने बच्चे के शव को कब्जे में लिया। साथ ही ग्रामीणों को किसी तरह से शांत कराया।

धर्मपुर गांव से तीन किलोमीटर दूर बेलवा गांव में पिछले 16 नवंबर को तेंदुए ने एक बच्चे को अपना निवाला बनाया था। लगातार तेंदुए के हमले की छठी घटना है, जिसमें मासूमों की जान गई है।
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