बड़े ही धूमधाम से मन सदगुरु कबीर का 626 व प्रकट उत्सव

बड़े ही धूमधाम से मन सदगुरु कबीर का 626 व प्रकट उत्सव

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देवांशु शर्मा,, लटेरी में  सतगुरु कबीर साहेब का 626 वा प्रकट उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जिसमें चल समारोह कबीर बाडा से होता हुआ नगर के मुख्य मुख्य मार्गो में से निकलकर पुनं कबीर वाडा पर समापन हुआ नगर में जगह जगह भव्य स्वागत  हुआ तथा जय स्तंभ चौक पर नगर परिषद सभी पार्षद गण तथा विधायक प्रतिनिधि संजय भंडारी के द्वारा फूल माला बरसा कर भव्य स्वागत किया गया  जलपान की व्यवस्था की गई कार्यक्रम में प्रथम दृष्टि में सुबह 12:00 बजे चौका आरती की गई तत्पश्चात चल समारोह निकल गया तथा समापन के उपरांत सह भोज का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ कार्यक्रम वक्तऒ के द्वारा बताया गया कि केवल कबीर ही हैं जिनका प्रकट उत्सव मनाया जाता है क्योंकि कबीर साहब का जन्म नहीं हुआ अपितु नीम तार तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए जिनका देख रेख पालन पोषण नीरू नीलिमा नाम के एक जुलाहा परिवार में हुआ जिन्होंने संसार भर को प्रेम का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि,,पोथी पढ़-पढ़ जगमुआ पंडित भया ना कोई ढाई अक्षर प्रेम का पड़े तो पंडित होऐ,, के माध्यम से प्रेम और सद्भाव की बात कही तथा कबीर साहेब ने आज जो जनमानस में घटित हो रहा है वह सभी वर्ष पूर्व भी लिख दिया था जो कि आज हमें देखने को मिलता है कबीर हमेशा निर्गुण ब्रह्म की उपासना के पक्ष में रहे और जनमानस को इसका संदेश दिया तथा काशी में मृत्यु उपरांत मोक्ष प्राप्त होता है तथा मघर में नर्क की प्राप्ति होती है उस किव दांती को निरर्थक सबित करने के उद्देश्य को लेकर कबीर अपने शरीर छोड़ने से 2 वर्ष पूर्व भी मघर चले गए और जो मगर के विषय में झूठ अपवाद फैलाई जाते थे उन्होंने झूठा साबित किया कबीर जिन्होंने हमेशा उन झूठी भ्रांति को तोड़ा जो की पाखंड में लिपटी हुई दिखाई पड़ती थी ऐसे कबीर परमात्मा का आज प्रकट उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया
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