हैडिंग-देशभर में एक एक पौधा माँ के नाम से लगाया जा रहा, विदिशा के जंगलों में हजारों काटे जा रहे हैं

हैडिंग-देशभर में एक एक पौधा माँ के नाम से लगाया जा रहा, विदिशा के जंगलों में हजारों काटे जा रहे हैं

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विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशभर में बीस लाख पौधे लगाने की योजना की तैयार की है..!! इंदौर में सरकार के मंत्री कैलास विजयवर्गीय 51 लाख पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाने को आतुर हैं...!! प्रधानमंत्री ने 5 जून को बुद्ध जयंती पर पार्क में एक पौधा लगाकर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान की शुरुआत की थी..!! प्रधानमंत्री मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम में हर देशवासी से अपनी मां के सम्मान में कम से कम एक पौधा लगाने की मार्मिक अपील की थी..!! लेकिन इस अपील को वन विभाग ने गलत तरीके से सुन लिया , और प्रति दिन हरे भरे पौधे कटवाने का संकल्प ले लिया..!! लगातार देशभर में एक पौधा मां के नाम से लगाया जा रहा है इधर विदिशा के लटेरी क्षेत्र में माफिया वन अमले से मिलकर बेशकीमती जंगलो को नष्ट कराने पर उतारू है जो देश और पर्यावरण के लिए किसी आतंकवाद से कम नही होगा..!!

लटेरी। आज कल वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी एक पौधा मां के सम्मान में लगाते हुए मीडिया में छाए हुए हैं। वन विभाग द्वारा जगह जगह पौध रोपण कार्यक्रम किया जा रहा है। वन विभाग के स्टाफ द्वारा अगर ईमानदारी से फील्ड पर नौकरी की जाती तो आज इनको पौध रोपण की जरूरत नहीं पड़ती। वैसे तो वन विभाग को वन रक्षक के रूप में जाना जाता है लेकिन धरातल पर तो इसकी परिभाषा कुछ अलग ही दिखाई दे रही है। वन विभाग शायद भूल रहा है कि पेड़ जीवन के लिए कितने जरूरी है लेकिन वन विभाग के कर्मचारियो के लिए कुछ और ही जायदा जरूरी है।
- अंधाधुंध की जा रही हरे पेड़ पौधों की कटाई
लटेरी क्षेत्र के जंगल में पेड़ पौधों को काटना कोई नई बात नही है जितने पेड़ आप काट सको काट सकते हो। क्योंकि आपको जंगल में रोकने बाला कोई नही है वन विभाग का स्टाफ सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए ही जंगल जाता है स्टाफ द्वारा जंगल जाने की सूचना बकायदा लक्कड़ चोरों को दे दी जाती है। जिस जगह से स्टाफ निकलने बाला है इससे लक्कड़ चोर सावधान हो जाते हैं। राज एक्सप्रेस की टीम द्वारा चमरा कुंडल एवं रायपुरा के जंगल का भ्रमण किया गया इस दौरान चमरा कुंडल एवं रायपुरा के बीच में वन माफियाओं द्वारा लगातार सागोन के पेड़ों की कटाई की जा रही है। इनके द्वारा हजारों हरे पेड़ों को काटा जा रहा है लेकिन वन अमले के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
- वो दिन दूर नही जब हम कहेंगे लटेरी में बेशकीमती सागवान हुआ करती थी
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की अगर इसी तरह जंगल कटाई चलती रही तो हमारी आने वाली पीढ़ी जंगल देखने को तरस जाएगी हम उनको कहानियों में सुनाएंगे कि लटेरी के आस पास भी सांगवान (सागौन) का हरा भरा जंगल हुआ करता था। 

इनका कहना है 
आपके द्वारा मुझे सूचना मिली है ,में अपने स्टाफ को भेज कर चेक करवाता हूं 
ओमकार सिंह मास्कोले डी एफ ओ विदिशा
error: कॉपी नहीं होगा भाई खबर लिखना सिख ले