श्री अन्न को अपने प्रतिदिन के थाली में करे समाहित
श्री अन्न से वजन घटाने, ब्लडप्रेशर व मद्युमेय को संन्तुलित करने मे सहायता मिलती है। आधुनिक कृषि जिसमे रसायनो का प्रयोग ज्यादा है से उतपन्न अनाज से बहुत सी बिमारिया हो रही है। बुन्देलखण परिक्षेत्र में श्री अन्न की खेती की अपार संम्भावनाये है। प्रदेश सरकार श्रीअन्न की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को अनुदान दिया जाएगा और निरूशुल्क बीज उपलब्ध कराये जायेगे। साथ ही पैदावार की शत प्रतिशत खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। यह बाते उत्तर प्रदेश के मा0 मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, श्री सूर्य प्रताप शाही जी ने बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्विद्यालय में आयोजित दो दिवसीय श्रीअन्न महोत्सव के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थेसूर्य प्रताप शाही जी ने कहा कि पूर्व में श्री अन्न ही हमारे दैनिक भोजन का हिस्सा हुआ करता था परन्तु अभी हम इससे दूर है। आम जनमानस में इसके लिये जागरूकता की आवश्यकता है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन में आयोजित श्री अन्न महोत्सव से जागरूकता बढेगी। छात्र-छात्राओ ने आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओ में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया जिससे इनमे इस खाद्य के प्रति जागरूकता को दर्शता है। आयोजित कृषि प्रदर्शनी से छात्र छात्राओ के साथ किसानो मे जागरूकता बढे़गी। प्रदर्शनी ज्ञान वर्धक व आकर्षक है। आयोजको को इसके लिये साधुवाद। प्रदर्शनी के उद्घाटन के पूर्व मा0 मत्री एवं अतिथियो ने विश्वविद्यालय की तुलसी वाटिका में वृक्षारोपण किया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि देश में मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध व पद्मश्री, डाॅ खादर वली ने कहा कि हम स्वाद पर आश्रित होना बंद कर देंगे तो निरोग हो जाएंगे। अगर स्वास्थ्य चाहिए तो श्रीअन्न खाना ही होगा। उन्होंने कहा कि बाजार ने हमारा खान पान सब खराब कर दिया है। इससे हम बीमार हो गए हैं और जीवन भर की कमाई से डाॅक्टरों का घर भर रहे हैं। देश को निरोग डाॅक्टर नहीं किसान कर सकते हैं। बीमार आदमी के लिए दुनिया का सारा ऐश्वर्य व्यर्थ है। इसे ठीक करने के लिए श्रीअन्न का सेवन जरूरी है। श्रीअन्न हमारे शरीर में जरूरी तत्वों का पोषण करता है और नकारात्मक तत्वों का नाश करता है। ईश्वर ने हमे मोटे अनाज के रूप में एक सूपर फूड दिया है जिसे हम जिताना जल्दी अपनायेगें उतना ही स्वस्थ रहेगें। पदम श्री ने गेहु, चावल व आधुनिक कृषि से उत्पादित होने वाले अन्न से बिमारी के बारे मे विस्तार से बताया।
इससे पूर्व अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अवसर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष पूर्व सांसद, डाॅ आर के सिन्हा ने कहा कि श्रीअन्न हमारी गलतियों के सुधार का अन्न है। हमारे पुरखे श्रीअन्न खाकर ही निरोग रहा करते थे और लंबी आयु जीते थे। श्रीअन्न हमेशा बदल बदलकर खाना चाहिए ताकि शरीर को प्रचुर मात्रा में पौष्टिक आहार मिलता रहे। कोदो, कंगनी, कुटकी, सावां और हरा सावां हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न की और भी प्रजातियां हैं लेकिन उपरोक्त ज्यादा गुणकारी हैं। इसकी खेती में कम पानी की आवश्यकता पड़ती है। रसायनिक खाद या कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती।
पूर्व सांसद, आर के सिंह पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड की पहचान मोटिया माटी और मोटा अनाज थी। हम अपने को बदल लिये हैं, इसीलिए बीमार हो गए। कृषि विश्वविद्यालय ने यह अच्छी पहल की है। हमें अपनी पुरानी जड़ों की ओर लौटना ही होगा। समारोह को पूर्व सांसद, रमेशचन्द्र द्विवेदी, मा0 सदस्य कृषक समृधि आयोग, श्याम बिहारी गुप्ता जी ने गाय के महत्व को विस्तार से बताया। श्री राजेश सिंह सेंगर जी, मा0 सदस्य प्रबन्ध परिषद ने उपस्थित जन को संबोधित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 नरेंद्र प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत व कार्यक्रम के उदेश्य के विषय में विस्तार से बताया। इस दो दिवसीय कायक्रम में पोस्टर, प्रश्नोत्तरी व श्री अन्न की रेसपी प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियो को प्रमाण पत्र, कृषको को श्रीअन्न के बीज देकर सम्मानित किया गया। कृषि प्रसार विभाग के सहायक प्राध्यापक,डा0 धीरज मिश्रा के शोधर्थी छात्र नवनीत मौर्या द्वारा डिजाईन किया गया वेव अधारित श्री अन्न सूचना वितरण प्रणाली का अनावरण मा0 मंत्री जी द्वारा किया गया। इस सूचना प्रणाली से कृषको को श्री अन्न की चार फसलो के विषय में विस्तार से जानकारी मिल सकती है। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापको द्वारा रचित तीन पुस्तको का विमोचन भी मा0 कृषि मंत्री के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय व कार्यक्रम के मुख्य आयोजक कर्ता, प्रो0 जी0एस0पंवार ने तथा मंच संचालन सहायक प्राध्यापक, डाॅ बी के गुप्ता ने किया।